मेरी अम्मा जी और मेरे अब्बा जी
लोग कहते हैं माँ बाप की तरह प्यार कोई नहीं दे सकता मगर मुझे ऐसा नहीं लगता जिसने मुझे अपने बच्चे की तरह पाला वो मेरी माँ नहीं थी.
जिस ने मुझे ममता के झूले मे झूलाया वो मेरी माँ नहीं थी, जिसने मुझे सीने से लगाया वो मेरी माँ नहीं थी.
जो मेरे पास होने की मन्नते माँगा करती थी बिना मुझे खबर होने तक वो मेरी माँ नहीं थी.
जो मेरे कॉलेज से लौटने तक मेरा इन्तिज़ार करते थे. मेरी राह देखते थे वो मेरी वालिद साहब नहीं थे.
बचपन मे जिस चीज पर ऊँगली रख देती थी वो चीज हाजिर कर देते थे.
किस के लिए उस बेटी के लिए जिसे उन्होंने जन्म नहीं दिया था.
मेरी अम्मा जी और मेरे अब्बा जी.
मेरी ज़िन्दगी थे.मेरी मुस्कुराते थे.
लेकिन आज वो मेरे पास नहीं हैं मेरे साथ नहीं हैं...
अम्मा जी और अब्बा जी ये अलफ़ाज़ किसी पुरानी हवेली मे पड़े एक खूबसूरत चीज की तरह हैं जिस पर वक़्त की धुल जम गयी हैं...
ऐसा लगता हैं बरसों से इन अलफ़ाज़ का इस्तिमाल नहीं किया...
Miss you abba ji.. ❤️❤️
Fiza Tanvi
HARSHADA GOSAVI
05-Jul-2023 10:04 AM
very nice
Reply
Abhilasha Deshpande
29-Jun-2023 05:34 PM
ला जवाब मँम
Reply
सीताराम साहू 'निर्मल'
29-Jun-2023 04:36 PM
शानदार
Reply